∆ बारहों राशियो पर विशेष प्रभाव डालेगा ग्रस्तोदित खग्रास चंद्रग्रहण: आचार्य अविनाश चतुर्वेदी "चंदन"
∆ मंगलवार की सुबह आठ बजकर दस मिनट से प्रारम्भ हो जाएगा सूतक
डॉ.अजीत मणि त्रिपाठी: एपी न्यूज
देव दीपावली के दिन साल के अंतिम ग्रस्तोदित खग्रास चंद्रग्रहण कार्तिक शुक्ल पक्ष पूर्णिमा दिन मंगलवार को लग रहा है। यह खग्रास चंद्रग्रहण भारत में ग्रस्तोदित चंद्रग्रहण के रूप में दृश्य होगा। यह ग्रहण उत्तरी तथा दक्षिणी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, अटलांटिक महासागर और प्रशांत महासागर में दिखाई देगा। ग्रहण का प्रारंभ चंद्र अस्त के समय अर्जेंटीना के पश्चिमी भाग, चिली, बोलीविया, ब्राजील के पश्चिमी भाग, उत्तरी अटलांटिक महासागर में दृश्य होगा। ग्रहण का मोक्ष काल चंद्रोदय के समय हिंद महासागर, भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान,कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान एवं पूर्वी रूस में दिखाई देगा। यह ग्रहण चंद्रोदय के समय भारत के सभी स्थानों पर देखा जा सकेगा। खंड एवं खग्रास ग्रहण का प्रारंभ भारत के कुछ स्थानों पर दिखाई नहीं देगा, क्योंकि ग्रहण का प्रारंभ चंद्रोदय के पूर्व ही हो जाएगा। चंद्र ग्रहण का मोक्ष भारत के पूर्वी भागों में दिखाई देगा, देश के शेष भागों में चंद्र ग्रहण का मोक्ष ही दिखाई देगा। भारतीय मानक के समया अनुसार ग्रहण का प्रारंभ दिन में 2 बजकर 39 मिनट से मध्य दिन में 4 बजकर 29 मिनट पर तथा मोक्ष 6 बजकर 19 मिनट पर होगा। ग्रहण का सूतक काल प्रातः 8 बजकर 10 मिनट से ही प्रारंभ हो जाएगा।
मां भगवती भाग्योदय केंद्रम् संकटमोचन वाराणसी के निदेशक पं. अविनाश चतुर्वेदी " चंदन" के अनुसार उक्त ग्रहण का असर विभिन्न राशियों पर निम्न प्रकार से पड़ेगा मेष राशि को घात, वृष को हानि, मिथुन को लाभ, कर्क सुख, सिंह मान सम्मान में हानि, कन्या मृत्यु तुल्य कष्ट, तुला स्त्री पीड़ा, वृश्चिक सौख्य की प्राप्ति, धनु चिंता, मकर व्यथा, कुंभ श्री, मीन क्षति।
बेतिया बिहारी मंदिर अयोध्या के मुख्य अर्चक एवं प्रख्यात भागवत मर्मज्ञ आनंद भूषण जी के अनुसार काशी में चंद्रोदय का समय सायं 5 बजकर 10 मिनट पर, खग्रास समाप्ति 5 बजकर13 मिनट पर तथा मोक्ष सायं 6:19 पर। अयोध्या में 5:11 पर गोरखपुर में 5:06 पर होगा।
निर्णय सागर पंचांग के अनुसार उक्त ग्रहण से राशिफल मेष, वृषभ, कन्या, मकर नेष्ट अशुभ, मिथुन, कर्क, वृश्चिक, कुंभ शुभ सुखद, सिंह तुला, धनु, मीन सामान्य मध्यम। विद्वानों के अनुसार शर्मा यह ग्रहण कार्तिक मास में लग रहा है, इससे पर्यावरण इससे पर्यावरण प्रदूषित होगा तथा जनमानस में रोग जनित प्रकोप होगा। अग्नि से जीविका करने वाले लोगों को पीड़ा, नाश। बाद में मंगल और सुभिक्ष की प्राप्ति होगी।